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नागरिक का हुनरमंद देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाना

  यह 21वीं सदी है इसमें हुनरमंद होना किसी भी देश के नागरिक को या उसकी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए किसी भी देश के नागरिक को हुनरमंद होना काफी जरूरी होता है 


अगर हम ज्यादातर विकसित देशों की बात करें तो वहां पर लगभग 40 परसेंट से लेकर 96 परसेंट हुनरमंद लोग मिलेंगे जिसे आप कुशल कर्मचारी भी कह सकते हैं क्योंकि वह नागरिक या कर्मचारी अपने काम में निपुण है वह काम वह  चाहे कंपनी में काम करे और वह चाहे अपना स्वरोजगार करें उस काम में  वह निपुण है या हुनरमंद है वह अपना जीविकोपार्जन कर सकता  है  अगर हम विश्व के हुनरमंद लोगों का प्रतिशत देखें तो


 बहुत कम होगा और विकसित देश के मुकाबले विकासशील देशों और विकसित देशों की तुलना हुनरमंद में विकसित देशों के मुकाबले इन देशों में लगभग 10 से 15 परसेंट हुनरमंद लोगे होंगे जोकि बहुत कम है और अगर हम बात कहें महिला पुरुष की तो उसमें पुरुष का  हुनरमंद होना ज्यादा होगा पूरे विश्व में क्योंकि विकसित देशों में जेंडर गैप कम है जबकि विकासशील देश और अविकसित देशों में जेंडर गैप ज्यादा है 


जहां विकसित देशों में महिलाएं काफी कुशल या हुनरमंद होगी विकासशील देशों और अविकसित देशों की महिलाओं के मुकाबले अगर हम विकासशील देश भारत की बात करें तो भारत में भी लगभग 10% ही हुनरमंद लोग मिलेंगे जो की अपने हुनर से जीविकोपार्जन कर रहे हैं  जो औरों का जीविकोपार्जन भी कर रहे हैं इसमें महिलाओं का लगभग  एक   प्रतिशत होगा बहुत कम है और अभी एक सर्वेक्षण आया था 2019 में जिसमें कहा था की भारत में ग्रेजुएट की डिग्री और बीटेक डिग्री पास आउट विद्यार्थी बहुत ज्यादा कुशल नहीं होते इसलिए भारत की ज्यादातर कंपनियों में कुशल कर्मचारियों की बहुत कमी है जिसका किसी देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान नहीं हो सकता है अगर किसी देश के नागरिक बहुत कुशल हैं 


जैसे साउथ कोरिया एक विकसित देश है जहां पर 96% कुशल लोग या हुनरमंद लोग हैं जिसके मुकाबले  भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत कुछ जमीनी कार्य करना बाकी है क्योंकि 2020 मैं 65% युवा 25 साल से 35 साल के बीच में है जो रोजगार के लिए घूम रहे हैं और यही स्थिति 2030 तक रहेगी इसमें देखना यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मैं अगर  सरकार को रोजगार उत्पन्न करना होगा और जहां युवाओं को रोजगार लेना और


 देना आ जाता है तो अर्थव्यवस्था विकसित कहलाएगी अन्यथा भारतीय अर्थव्यवस्था विकासशील अर्थव्यवस्था कह लाएगी और 2031 में भारत में मात्र 40% युवा ही रोजगार के लिए घूम रहे होंगे बाकी 60%  प्रतिशत 40 साल से ऊपर के होंगे यही स्थिति कभी  जर्मनी जापान आदि विकसित देशों की थी जिनके देश के नागरिकों  ने अपने आप को आत्मनिर्भर बनाया और  इन देशों की सरकारों ने अपने देश के नागरिकों के लिए रोजगार स्वरोजगार उत्पन्न करें इन 10 सालों मैं और आज यह देश विकसित है - स्किल डेवलपमेंट समिति, कालसी , उत्तराखंड ,भारत 

 ( Note- Read this content in other language you can click on Google translater above three line show left   side)

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