Skip to main content

Posts

Showing posts from November, 2020

नागरिक का हुनरमंद देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाना

  यह 21वीं सदी है इसमें हुनरमंद होना किसी भी देश के नागरिक को या उसकी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए किसी भी देश के नागरिक को हुनरमंद होना काफी जरूरी होता है  अगर हम ज्यादातर विकसित देशों की बात करें तो वहां पर लगभग 40 परसेंट से लेकर 96 परसेंट हुनरमंद लोग मिलेंगे जिसे आप कुशल कर्मचारी भी कह सकते हैं क्योंकि वह नागरिक या कर्मचारी अपने काम में निपुण है वह काम वह  चाहे कंपनी में काम करे और वह चाहे अपना स्वरोजगार करें उस काम में  वह निपुण है या हुनरमंद है वह अपना जीविकोपार्जन कर सकता  है  अगर हम विश्व के हुनरमंद लोगों का प्रतिशत देखें तो  बहुत कम होगा और विकसित देश के मुकाबले विकासशील देशों और विकसित देशों की तुलना हुनरमंद में विकसित देशों के मुकाबले इन देशों में लगभग 10 से 15 परसेंट हुनरमंद लोगे होंगे जोकि बहुत कम है और अगर हम बात कहें महिला पुरुष की तो उसमें पुरुष का  हुनरमंद होना ज्यादा होगा पूरे विश्व में क्योंकि विकसित देशों में जेंडर गैप कम है जबकि विकासशील देश और अविकसित देशों में जेंडर गैप ज्यादा है  जहां विकसित देशों में महिलाएं काफी कुशल...

कोविड काल में भारतीय अर्थव्यवस्था में आधारभूत बदलाव

  भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले 8 महीने से 2020 में बहुत सारे आधारभूत बदलाव हुए हैं जो 74 साल में नहीं दिखाई दिए लेकिन इस 8 महीने में भारतीय समाज और भारतीय अर्थव्यवस्था मैं जो बदलाव करने थे वह जो आशा लगाई गई थी बदलाव की वह आधारभूत बदलाव बहुत कुछ हुए और भारतीय समाज ने उसे स्वीकारा जैसे चिकित्सा व्यवस्था में बदलाव, ऑनलाइन शॉपिंग, मास्क पहनना और तमाम सुरक्षा से जुड़े आवागमन के साधन यह सब इस 8 महीने में भारतीय समाज में पूरा किया और देश स्वच्छता की ओर अग्रसर है  और इसको बिट काल में भारतीय ने जहां 2019 में 3000000 लोगों द्वारा दवाइयां ऑनलाइन खरीदते थे वही 2020 में दवाओं की खरीदारी 9000000 लोगों द्वारा करी गई जो की यह दर्शाता है कि देश के लोग समय रहते बदलाव को स्वीकार कर रहे हैं जहां भारत देश इसको बेड काल में ही जल मिशन, राष्ट्रीय हेल्थ मिशन जैसी बहुत सी महत्वपूर्ण योजनाएं लागू करी जा रही है और घर घर जहां जल नहीं है वहां नल पहुंचाया जा रहा है और राष्ट्रीय हेल्थ मिशन के अंतर्गत  यह जिम्मेदारी राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पर प्राधिकरण को सौंपी गई है इसके तहत डॉक्टरों अस्पतालों और स्...

गंदी दीवारें और कूड़ा करकट एक सामाजिक समस्या

 आज पूरे भारत में गंदी दीवारें और कूड़ा करकट आपको ग्रामीण इलाके और शहरी इलाकों में मिल जाएंगे इसके प्रति भारत की जनता या समाज या सरकारी तंत्र या नगरपालिका या कोई ग्राम पंचायत कितनी सजग है वह पिछले 5 साल से कुछ ग्राम पंचायत हैं कुछ नगर पालिका ज्यादातर जागरूक हुई है  लेकिन अभी भी महानगरों में छोटे शहरों में और ग्रामीण बस्तियों में गंदी दीवारें और कूड़े का ढेर बहुत मिल जाएगा जिसके कारण देश क्षेत्र पर्यटन स्थल पार्किंग स्थल गार्डन आदि जगह स्वच्छता नहीं होने के कारण समाज के लोग या कॉलोनी आदि के लोग वहां नहीं उठते और बैठते यहां तक की जिस तरीके से शहरीकरण बढ़ता जा रहा है महानगरों में छोटे शहरों में और ग्रामीण जीवन शैली में भी शहरीकरण बढ़ता जा रहा है जिससे शारीरिक कामना करने की जीवन शैली उत्पन्न हो रही है जोकि  लाइफस्टाइल की बीमारियां उत्पन्न कर रहा है जिनमें मुख्य हैं मधुमेह कैंसर हर्निया एलर्जी पेट की बीमारियां आदि, अगर हर एक नागरिक देश का स्वेच्छा से अपने कॉलोनी पार्क क्षेत्र ग्राम पंचायत नगर पालिका आदि एरिया में कुछ समूह मिलकर कुछ लोग मिलकर और कुछ बच्चे भी मिलकर और तो और कुछ ...

आधुनिक भारत में कृषि पर आधारित व्यवसाय

"किसान लौकिक देवता है। आधुनिक भारत में किसान और कृषि अर्थव्यवस्था को सही अर्थो मे समझने वाले वर्तमान  और भविष्य में  कृषि कैसे हो देश -विदेश के विश्वविद्यालय में शोध हो रहा है।  वर्तमान और भविष्य में कृषि और किसान की समस्याओं का निराकरण मात्र  एक वैचारिक क्रांति ही नहीं है। आखिर कृषि उत्पाद आम जनता तक कैसे सस्ते और किफायती मिले और उससे किसान कैसे समृद्ध हो वर्तमान और भविष्य में जरा सोचो कि  उनके उत्पाद पर कितने व्यवसाय चल रहे हैं और व्यापारी संगठन उनके बारे में कितना सोचते हैं वर्तमान और भविष्य के लिए" -  स्किल डेवलपमेंट समिति, कालसी उत्तराखंड